खूंटी। जिला मुख्यालय सहित सभी प्रखंड व पंचायत मुख्यालयों में इस वर्ष स्वतंत्रता दिवस धूमधाम से समारोहपूर्वक मनाया जायेगा समारोह की शुरुआत 14 अगस्त की शाम सांस्कृतिक संध्या से होगी। 15 अगस्त के समारोह की शुरुआत प्रातः छह बजे से प्रभातफेरी के साथ होगी।
स्वतंत्रता दिवस समारोह के सफल आयोजन को लेकर उपायुक्त सूरज कुमार की अध्यक्षता में गुरुवार को समाहरणालय के सभागार में बैठक आयोजित की गई। बैठक में सभी प्रशासनिक और विभिन्न विभागों के अधिकारियों, शिक्षकों और शहर के गणमाण्य लोगों ने भाग लिया। 15 अगस्त को होने वाले कार्यक्रमों की जिम्मेवारी अलग-अलग अधिकारियों और विभागों को दी गयी। डीसी ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे समारोह को आकर्षक व भव्य बनाने में कोई कसर न छोड़ें।
मुख्य समारोह कचहरी मैदान में आयोजित किया जायेगा, जहां मुख्य अतिथि राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा राष्ट्रीय ध्वज फहरायेंगे और परेड की सलामी लेंगे। बैठक में लिये गये निर्णय के अनुसार सुबह साढ़े आठ बजे उपायुक्त आवास में झंडोत्तोलन होगा। कचहरी मैदान में सुबह नौ बजे तिरंगा फहराया जायेगा। समाहरणालय में दस बजे, नगर पंचायत में 10.20 बजे, जिला परिषद में 10.30 बजे, अनमुंडल कार्यालय में 10.35 और 11 बजे पुलिस लाइन में राष्ट्रीय झंडा फहराया जायेगा। परेड, राष्ट्रगान, सांस्कृतिक कार्यक्रम सहित अन्य कार्यक्रमों के लिए जिम्मेवारी निर्धारित कर दी गयी है। उपायुक्त सूरज कुमार ने ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू रखने के लिए डीएसपी मुख्यालय और एसडीपीओ को कई निर्देष दिये। स्वतंत्रता दिवस समारोह में पुरस्कार वितरण के लिए डीडीसी की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया, जिसमें कई विभागों के वरीय अधिकारियों को शामिल किया गया।
प्लास्टिक के झंडे न फहरायें और न तिरंगे को जमीन पर रखें: डीसी
उपायुक्त ने लोगों से अपील की कि वे प्लास्टिक के झांडे न फहरायें और न ही तिरंगे को जमीन पर रखें। उन्होंने एसडीओ सहित अन्य कार्यपालक दंडाधिकारियों को सख्त निर्देश दिया कि वे प्लास्टिक के राष्ट्रीय झंडे और जमीन पर रखकर तिरंगा बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई करें। यह नेशनल फ्लैग कोड का उल्लंघन है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि झंडोत्तोलन के समय तिरंगे के अंदर फूल या कोई अन्य सामान न रखें। इसका सख्ती से पालन हो। डीसी ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया कि जब भी वे राष्ट्र ध्वज को सलामी दें तो टोपी पहन लें। बिना टोपी के झंडे को सलामी न दें। यदि टोपी न हो तो सिर्फ सावधान की मुद्रा में खड़े होकर राष्ट्रगान गायें।
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